यह तब की बात है जब मै kg1st मै थी ...तब हुआ यु की मुझे स्कुल जाने का मन नहि था तो मम्मा ने मुझे समझाया कि बेटा स्कुल ...स्कुल रोज जाना चाहिये .....पर बाइसा का तो मन हि नहि जाने का तो केसे समझ आती बात....फिर अरे वाह् क्या offer मिला कि बेटा अगर आप स्कुल गये तो आपको गूढ़ मिलेगा ....अरे वाह मजे आ गये। बाइसा ने बेग लिया ने चली खुशि ख़ुशी ...आज तो गुङ मिलेगा ......school से घर आए गुङ चाहिए अब ....मम्मी ने गाल पकङ के कहा very good बेटा very good...कूछ समझ नही आया धोखा हो गया ये तो ...अपने तो sweet good समझे थे...कुछ नयी good की sweets मिलेगी आज तो पर अब तो यह good भी बुरा नही हे .....तब तो कुछ नहीं कहा था ....क्यूंकि वो goodका महत्व अधिक लगा था...अब कहा तो खुब हँसे सब.......